चारधाम यात्रा: गंगोत्री में घाट से 20 मीटर दूर पहुंची गंगा, स्नान और आचमन में हो सकती है परेशानी

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Char Dham Yatr 2025: चारधाम यात्रा के शुरुआती दिनों में गंगोत्री धाम आने वाले श्रद्धालुओं और तीर्थ यात्रियों को इस बार स्नान और आचमन में थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. गंगोत्री धाम के घाटों पर जलधारा घाटों से काफी दूर हो गई है. वर्तमान में गंगा (भागीरथी) की मुख्य धारा घाटों से करीब 20 मीटर दूरी पर बह रही है, जिससे श्रद्धालुओं को स्नान, आचमन और पूजन कार्यों के लिए कठिनाई हो सकती है.

दरअसल, गंगा में जलस्तर में बदलाव और नदी के प्रवाह में आए परिवर्तन के कारण घाटों से नदी की धारा दूर हो गई है. गंगा का बहाव घाटों की तुलना में निचले हिस्से से होकर गुजर रहा है. इससे घाटों तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. घाटों पर गंगा का पानी बेहद कम है और नदी के बीच तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को पथरीली और फिसलन भरी सतह से होकर गुजरना पड़ सकता है. इस कारण सुरक्षा के लिहाज से भी चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं.

क्या हो रही है तैयारी
यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए प्रशासन और पुलिस विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. गंगोत्री मंदिर समिति और स्थानीय प्रशासन ने घाटों पर अस्थाई पुल और रस्सियों के सहारे श्रद्धालुओं के आवागमन को सुरक्षित बनाने के प्रयास किए हैं. इसके अलावा पुलिस विभाग ने घाटों पर अतिरिक्त जवानों की तैनाती करने की योजना भी बनाई है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके.

हालांकि, सिंचाई विभाग ने यात्रा से पहले घाटों तक गंगा जल पहुंचाने के प्रयास किए थे, लेकिन अभी तक स्थायी समाधान नहीं मिल पाया है. गंगा के मुख्य प्रवाह को घाटों की ओर मोड़ने के लिए कुछ अस्थाई चैनल बनाए गए हैं, परंतु इनसे अपेक्षित सफलता नहीं मिली है. विशेषज्ञों के अनुसार, गंगोत्री क्षेत्र में जलधारा के बहाव का पैटर्न बदलता रहता है, इसलिए हर साल घाटों की स्थिति में कुछ न कुछ बदलाव आता है.

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पुलिस और प्रशासन के निर्देशों का पालन
जानकारों का कहना है कि इस बार गंगा का प्रवाह घाटों से करीब 30 मीटर तक दूर हो गया है, जो सामान्य से अधिक है. इस स्थिति ने प्रशासन के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है. तीर्थ पुरोहितों ने भी श्रद्धालुओं को घाटों पर विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है. यात्रा के दौरान घाटों पर फिसलन से बचने के लिए श्रद्धालुओं से आग्रह किया गया है कि वे समूह में घाटों पर जाएं और पुलिस व प्रशासन के निर्देशों का पालन करें.

प्रशासन ने यह भी कहा है कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को स्नान और आचमन के लिए बनाए गए वैकल्पिक प्रबंधों का उपयोग करना चाहिए. यदि घाटों तक पहुंचने में कठिनाई हो तो कृत्रिम कुंडों का उपयोग किया जा सकता है. मंदिर समिति द्वारा मंदिर परिसर में भी गंगा जल के प्रबंध की योजना पर विचार किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के आचमन व पूजन कर सकें.

चारधाम यात्रा के शुरुआती दिनों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ गंगोत्री धाम में उमड़ती है. ऐसे में गंगा का घाटों से दूर होना यात्रा व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. प्रशासन द्वारा लगातार निगरानी रखी जा रही है और संभावित खतरों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. गंगोत्री आने वाले श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे यात्रा के दौरान सावधानी बरतें और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें, जिससे उनकी यात्रा सुरक्षित और सुखद हो सके.

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