
Laxman Singh News: पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला आतंकवादियों से मिले हुए हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को तुरंत नेशनल कांफ्रेंस से समर्थन वापस ले लेना चाहिए.
मध्य प्रदेश के राघोगढ़ सीट से कांग्रेस विधायक रह चुके लक्ष्मण सिंह के इस बयान ने न सिर्फ कांग्रेस पार्टी को असहज कर दिया है, बल्कि राजनीति में भी उबाल ला दिया है. बीजेपी ने लक्ष्मण सिंह के बयान को लेकर कांग्रेस पर तंज कसा.
बीजेपी का निशाना
एमपी बीजेपी ने एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ”दिग्विजय सिंह के भाई व कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह ने INDI गठबंधन समेत अपनी ही पार्टी के नेता राहुल गाँधी पर उठाए सवाल…”
दिग्विजय सिंह के भाई व कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह ने INDI गठबंधन समेत अपनी ही पार्टी के नेता राहुल गाँधी पर उठाए सवाल… pic.twitter.com/wNEPwjY2SS
— BJP Madhya Pradesh (@BJP4MP) April 25, 2025
उन्होंने कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा को भी निशाने पर लिया. ”रॉबर्ट वाड्रा जीजा जी, राहुल जी का…उसने क्या कहा…मुसलमानों को सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने देते इसलिए आतंकवादियों ने हमला किया. ये बचपना हमलोग कब तक झेलेंगे. राहुल गांधी सोच समझकर बात करें, वो नेता प्रतिपक्ष हैं.”
मंगलवार को पहलगाम में हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए राघौगढ़ में आयोजित शोक सभा के दौरान लक्ष्मण सिंह ने कहा, ”मैं यह सब कैमरे के सामने कह रहा हूं, ताकि किसी को भ्रम न हो. कांग्रेस को बोलने से पहले 10 बार सोचना चाहिए, नहीं तो चुनाव में जनता इसका जवाब देगी.”
उमर अब्दुल्ला पर क्या कुछ बोले?
लक्ष्मण सिंह ने कहा, ”चुनी हुई सरकार यह तय करती है कि फौज कहां लगेगी और पुलिस कहां लगेगी. जहां फौज लगी है, वहां इन्होंने हमला नहीं किया. जहां टूरिस्ट थे, वहां मुख्यमंत्री ने पुलिस क्यों नहीं लगाई. एक सिपाही क्यों नहीं था, एक गोली नहीं चली. इसका दोषी कौन है, आतंकवादी तो है ही, पर वो मिला हुआ है. जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला आतंकवादियों से मिला हुआ है. कांग्रेस को मैंने मेल किया है. राहुल गांधी से भी कहूंगा कि उनसे समर्थन खींच लीजिए. कांग्रेस पार्टी को समर्थन वापस लेना चाहिए. इसको डिसमिस कीजिए. क्या कारण है, उमर अब्दुल्ला ने जवाब नहीं दिया.”
(इनपुट पीटीआई से)