लखनऊ के KGMU में अतिक्रमण पर प्रशासन की कार्रवाई, अवैध मकानों और दुकानों को कराया गया खाली

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Lucknow News: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) कैंपस में बने अवैध मकान और दुकानों को शनिवार को प्रशासन ने खाली करवा दिया. कार्रवाई के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे. कई परिवारों ने आरोप लगाया कि वे पिछले 50 साल से यहां रह रहे थे और अब अचानक उन्हें बेघर कर दिया गया है.

लोगों का कहना है कि उनका जन्म भी इसी इलाके में हुआ था. परिवारों ने बताया कि बीते 6 महीनों से उन्हें मकान और दुकान खाली करने के नोटिस दिए जा रहे थे, लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई थी कि शायद कोई रास्ता निकल आएगा. शनिवार को जब प्रशासन ने कार्रवाई की तो लोग अपना सामान गाड़ियों और लोडरों में भरते नजर आए. कई महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सड़क किनारे बैठकर रोते दिखे.

बेघर लोगों ने प्रशासन की कार्रवाई पर क्या कहा?
एबीपी न्यूज से बात करते हुए एक पीड़ित ने कहा, “अब हम कहां जाएं? छोटे-छोटे बच्चे हैं, न घर बचा, न दुकान. अब न रोजगार है, न सिर छुपाने की जगह.” वहीं हिंदू महासभा के नेताओं और केजीएमयू के कुछ कर्मचारियों का कहना है कि इन लोगों ने यूनिवर्सिटी परिसर में अवैध तरीके से मजार बनाकर अतिक्रमण कर लिया था.

हिंदू महासभा के नेता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा, “यहां डॉक्टरों और स्टाफ के लिए आवास और सुविधाएं तैयार की जाती हैं, लेकिन अतिक्रमणकारियों ने जगह घेर ली थी. कई सालों से शिकायत हो रही थी. अब प्रशासन ने सही कदम उठाया है.” केजीएमयू कर्मचारी रामबाबू ने भी कहा कि वर्षों से अवैध कब्जा हो रहा था, जिससे विश्वविद्यालय की व्यवस्था प्रभावित हो रही थी. अब कैंपस को सही ढंग से विकसित किया जा सकेगा.

केजीएमयू के प्रवक्ता ने क्या कहा?
तस्वीरों में साफ दिख रहा था कि लोग अपने घरों से सामान निकालकर सड़क पर बैठे हुए हैं. प्रशासन ने मकान और दुकानों को खाली कराते हुए सख्ती बरती, हालांकि कई लोग बार-बार निवेदन करते रहे कि उन्हें कुछ समय और दिया जाए ताकि वे अपने रहने और रोजी-रोटी का इंतजाम कर सकें.

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी उत्तर भारत के सबसे पुराने और बड़े मेडिकल संस्थानों में से एक है. यहां मरीजों और मेडिकल स्टाफ के लिए आवास और अन्य सुविधाएं विकसित करने के लिए प्रशासन समय-समय पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करता रहा है. विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि कैंपस को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाना उनकी प्राथमिकता है.

वही केजीएमयू के प्रवक्ता डॉक्टर केके सिंह ने कहा कि जो अफवाह उड़ाई गई की मजार को तोड़ा जा रहा है तो केजीएमयू की तरफ से मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि किसी मजार को हाथ नहीं लगाया गया है. लेकिन जो मजार से काफी दूर अतिक्रमण हुआ था, जो विश्वविद्यालय की जगह पर अवैध कब्जा था उसे हटाने की कार्रवाई की जा रही है. 

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