जातीय जनगणना के फैसले पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बोले- दशकों से इसका इंतजार था…

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Caste Census: केंद्र सरकार ने बुधवार, 30 अप्रैल को फैसला किया कि आगामी जनगणना में जातिगत गणना को ‘पारदर्शी’ तरीके से शामिल किया जाएगा. अब इस पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया है.

सोशल मीडिया साइट एक्स पर केशव ने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जातीय जनगणना का फ़ैसला ऐतिहासिक है. समूचा दलित आदिवासी पिछड़ा समाज उनके इस फ़ैसले का तहेदिल से स्वागत करता है. दशकों से इसका इंतज़ार था. यह उन नेताओं के लिए भी एक सबक है जो जातीय जनगणना का राग तो बहुत अलापते थे, लेकिन दशकों तक सत्ता में रहने पर उनके दल इस मुद्दे पर कंबल ओढ़कर सो जाते थे. जाति भारतीय राजनीति की सच्चाई है और जातीय जनगणना इसकी धुरी. लोकतंत्र इससे मज़बूत होगा. ज़मीनी राजनीति के धुरंधर नेता मोदी जी इस ज़मीनी सच्चाई से वाक़िफ़ हैं. उन्होंने अपने इस फ़ैसले से देशवासियों का ह्रदय छू लिया है. उनको ह्रदय से आभार.

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अश्विनी वैष्णव ने क्या कहा?
बता दें राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा लिए गए निर्णयों की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जनगणना केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आती है लेकिन कुछ राज्यों ने सर्वेक्षण के नाम पर जाति गणना की है. वैष्णव ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों ने राजनीतिक कारणों से जाति आधारित सर्वेक्षण कराया गया है.

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का संकल्प है कि आगामी अखिल भारतीय जनगणना प्रक्रिया में जातिगत गणना को पारदर्शी तरीके से शामिल किया जाएगा. भारत में प्रत्येक 10 साल में होने वाली जनगणना अप्रैल 2020 में शुरू होनी थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण इसमें देरी हुई.

गौरतलब है कि साल 1931 में आखिरी बार जातीय जनगणना हुई थी. उसके बाद सिर्फ एससी और एसटी की गणना होती थी. अब 94 साल बाद एक बार फिर जातीय जनगणना की शुरुआत जल्द होने के आसार हैं.

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