
ठाकरे बंधुओं के साथ आने में अड़चन? राज ठाकरे के MNS नेता बोले- ‘उद्धव पर विश्वास करना…’
Raj Thackeray Join Hands with Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र में दो चचेरे भाइयों राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के मिलन की अटकलें फिर तेज हो गई हैं. हाल ही में राज ठाकरे ने कहा था कि महाराष्ट्र में चल रहे विवाद उनके व्यक्तिगत विवाद से बड़े हैं, इसलिए उद्धव ठाकरे के साथ आकर राज्य के हित में काम करना चाहते हैं. उद्धव ठाकरे ने भी इसपर सहमति जताई थी. अब राज ठाकरे के मनसे नेता संदीप देशपांडेय ने उद्धव ठाकरे पर विश्वास जताने के बजाय इसके उलट एक बयान दिया है.
संदीप देशपांडे का कहना है कि उद्धव ठाकरे पर विश्वास का मुद्दा सबसे बड़ा है, क्योंकि उनपर भरोसा पहले भी कई बार डगमगाया है. मनसे नेता ने कहा, “विश्वास के सवाल से पहले हमारे दिल में दर्द है. उद्धव ठाकरे जब मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने लाउडस्पीकर के मुद्दे पर हम लोगों को जेल में डाला आज भी हजार से ज्यादा लोगों पर केस है तो यह सब क्या था?”
‘साथ आने की बात हुई, साथ चुनाव लड़ने की नहीं’
इतना ही नहीं, मनसे नेता संदीप देशपांडे का कहना है, “राज ठाकरे ने कहा था कि मराठी मानुष के लिए उद्धव ठाकरे के साथ आना चाहिए. ऐसा तो नहीं कहा था कि साथ चुनाव भी लड़ना चाहिए. अभी तो कोई चुनाव है नहीं, इसलिए चुनाव के समय ही चुनाव की बात कीजिए. फिलहाल, जो हमारे मुद्दे हैं उस पर तो वो स्टैंड ले लें.”
हालांकि, संदीप देशपांडे ने दावा किया कि अगर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे साथ आएंगे तो उन्हें भी खुशी होगी, क्योंकि दोनों भाई हैं और परिवार को साथ रहना चाहिए.
उद्धव ठाकरे ने मनसे कार्यकर्ताओं को जेल में कब डाला?
दरअसल, साल 2022 में जब उद्धव ठाकरे की सरकार थी तब राज ठाकरे की पार्टी ने मस्जिद के सामने हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया था. इसी के साथ राज ठाकरे ने महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था के सामने एक चुनौती पेश कर दी थी. उस दौरान सैकड़ों की संख्या में मनसे कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था. तब भड़के हुए राज ठाकरे ने तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी, ‘मेरे सब्र का इम्तिहान मत लो, सत्ता आती जाती रहती है, कोई भी तामपत्र लेकर नहीं आता उद्धव ठाकरे, तुम भी नहीं.’