
Kota Suicide News: गम में डूबे माता-पिता बेटे को याद कर फफक पड़े, कहा- ‘इस बार NEET की परीक्षा…’
Kota NEET Student News: राजस्थान के कोटा में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) की तैयारी कर रहे जिस छात्र का शव पिछले दिनों कोटा में मिला था, उसको लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल, नीट परीक्षा की तैयारी में जुटा छात्र इस बार इम्तिहान में नहीं बैठना चाहता था. वह तैयारी के लिए एक साल और चाहता था. गम में डूबे छात्र के दुखी माता-पिता ने इस बात का खुलासा खुद किया है.
दिल्ली के तुगलकाबाद में बढ़ई का काम करने वाले रंजीत शर्मा एक अस्पताल के मुर्दाघर के बाहर बैठे-बैठे बेकाबू होकर रोने लगते हैं. वह अपने बेटे का शव मिलने का इंतजार कर रहे हैं. शर्मा कुछ दिन पहले अपनी पत्नी के साथ बेटे को कुछ दिन के लिए घर ले जाने यहां आए थे, लेकिन तब उसने मना कर दिया था.
छात्र 3 साल से कर रहा था NEET की तैयारी
माता-पिता के अनुसार उनके बेटे रोशन शर्मा (23) ने चार मई की नीट-यूजी परीक्षा से कुछ हफ्ते पहले अचानक कहा था कि वह इस साल नीट की परीक्षा नहीं देगा. उनके दिल्ली लौटने के तीन दिन बाद ही गुरुवार को तड़के उनके बेटे का शव रेल लाइन के पास झाड़ियों से बरामद किया गया.
छात्र ने बहन से कहा था…
रंजीत शर्मा ने नम आंखों से बताया कि उनका बेटा पिछले तीन साल से नीट की तैयारी कर रहा था. हाल ही में उसने अपनी बहन से कहा था कि इस मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार होने में उसे एक और साल की जरूरत है.
उन्होंने शुक्रवार को कहा, ‘‘हमारा बेटा पढ़ाई में बहुत अच्छा था, कोचिंग संस्थान में नियमित परीक्षाओं में 550-600 अंक लाता था.’’ उन्होंने कहा कि परीक्षा से कुछ दिन पहले आत्महत्या का कारण समझ में नहीं आ रहा. नीट-यूजी परीक्षा के लिए आदर्श स्कोर 720 है.
22 अप्रैल को घर लौटने से कर दिया था इनकार
रोशन के माता-पिता के अनुसार उनके बेटे ने खुद कोटा में एक कोचिंग संस्थान में दाखिला लेने का फैसला किया था और एक साल बाद ही शहर के दूसरे संस्थान में चला गया. रंजीत शर्मा ने बताया, ‘‘हम अपने बेटे को वापस घर ले जाने के लिए 22 अप्रैल को कोटा आए थे, लेकिन उसने मना कर दिया. जब बेटा अपने छात्रावास में नहीं मिला तो हमने उससे फोन पर संपर्क किया, लेकिन हमें बताया गया कि वह इस साल न तो नीट परीक्षा देगा और न ही घर लौटेगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम उसका सामान लेकर इस उम्मीद में घर लौट आए कि वह हमारे पीछे आएगा.’’ जब ऐसा नहीं हुआ तो परेशान माता-पिता अपने बेटे को फोन करते रहे और उसे घर लौटने के लिए कहते रहे. रोशन ने अपनी बहन से फोन पर यह भी कहा था कि वह नीट की तैयारी के लिए एक साल और चाहता है.
कुन्हाड़ी थाने के प्रभारी अरविंद भारद्वाज ने बताया कि पुलिस ने शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद रोशन का शव परिवार को सौंप दिया और जांच के लिए बीएनएसएस धारा 194 (ए) (आत्महत्या पर जांच) के तहत मामला दर्ज किया. उन्होंने बताया कि माता-पिता ने कोई आरोप नहीं लगाया है.
48 घंटे में सुसाइड का दूसरा मामला
कोटा में 48 घंटे में किसी छात्र द्वारा कथित आत्महत्या का यह दूसरा मामला है. इससे पहले बिहार के छपरा के निवासी 18 साल के एक लड़के ने मंगलवार तड़के अपने छात्रावास के कमरे में फंदा लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. हालांकि, पुलिस के अनुसार छात्र के कमरे से बरामद कथित ‘सुसाइड नोट’ में उसने कहा है कि उसके इस कदम के पीछे न तो उसका परिवार और न ही नीट-यूजी की तैयारी कारण है.
साल 2025 में अभी तक 12 की मौत
बता दें कि इस साल जनवरी से लेकर अब तक कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्या का यह 12वां मामला है. पिछले साल शहर में 17 छात्रों के खुदकुशी करने के मामले सामने आए थे.