
पहलगाम हमला: पति को खोने वाली महिला की आंखों-देखी, ‘आतंकियों से कहा कि ऐसा क्यों कर रहे हो? उसने…’
Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों की बर्बरता के खिलाफ लोगों में गुस्सा है. हमले में 26 लोगों की मौत हुई, इनमें मुंबई के डोंबिवली के तीन लोग संजय लेले, अतुल मोने, हेमंत जोशी भी शामिल थे. आतंकी हमले से बचकर वापस घर लौटी अतुल मोने की पत्नी ने हमले की पूरी कहानी बयां की.
अतुल मोने की पत्नी अनुष्का मोने ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए भावुक हो गईं. उन्होंने कहा कि एक बजे के करीब हमलोग पहुंचे. मिनी स्विटजरलैंड बोलते हैं उसको. हमलोगों ने फोटो लिए. उधर का वातावरण अच्छा था, उधर बहुत भीड़ थी. हमलोग निकलने वाले थे, दीदी की तबियत थोड़ी खराब लग रही थी.हमने उसके खाने-पीने के लिए सामान लिए. हम निकलने वाले ही थे कि शूट की आवाज आई. हमें लगा कि कोई गेम होगा.
‘पति के पेट में गोली मार दी’
उन्होंने आगे कहा, ”बाद में और फायरिंग हुई, दो लोग नीचे आए. भागादौड़ी शुरू हो गई. हमलोग नीचे झुक गए. हेमंत जोशी हमारे साथ थे, उन्होंने आतंकियों से कहा कि क्यों ऐसा कर रहे हो? उसने (आतंकी) सिर में गोली मार दी. मेरे हसबैंड बोले कि किसी को गोली मत मारो, हम झुकते हैं. कुछ नहीं करेंगे. उन्हें भी पेट में गोली मार दी.”
मोने ने कहा, ”बाद में पूछा कि हिंदू-मुस्लिम कौन है. फिर पूछा कि हिंदू कौन है? मेरे जीजा ने हाथ खड़े किए तो उन्हें भी गोली मार दी. हम कुछ कर ही नहीं सकते थे. बाद में वो लोग चले गए. वहां आम लोगों ने कहा कि खुद की जान बचाओ और जाओ. आर्मी वाले इनलोगों को लेकर आएंगे. ऊपर आर्मी भी लेट गई.”
अनुष्का मोने ने कहा, ”हमारे सामने दो लोग थे. पहले कहा कि हिंदू मुस्लिम अलग हो जाओ. कोई अलग नहीं हुआ. फिर उन्होंने घोड़े वालों को अलग कर दिया. हमलोग काफी डर गए थे.”
आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों की तलाश में है. वहीं केंद्र सरकार साफ कर दिया है कि दोषियों को किसी भी हालत में नहीं बख्शा जाएगा.
पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ है. इसी के मद्देनजर बुधवार (23 अप्रैल) को पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए भारत ने राजनयिक संबंधों में व्यापक कटौती की है. सरकार ने सिंधु जल संधि स्थगित कर दिया है. साथ ही अटारी चौकी को बंद किए जाने समेत कई फैसले लिए गए.